व्यापम- संघ,सुदर्शन,सोनी,शिवराज,साधना,उमा,रामनरेश
कहीं पढ़ा था कि मध्यप्रदेश का व्यावसायिक परीक्षा मंडल का घोटाला एशिया का सबसे बड़ा घोटाला है। छोटे से फर्जीवाडे़ को पकड़ने के चक्कर में परत दर परत ये इतना बड़ा होता जा रहा है कि अब इसमें राज्यपाल और आरएसएस के पुर्व प्रमुख दिवंगत के एस सुदर्शन तथा पूर्व सहसरकार्यवाहक सुरेश सोनी का नाम भी सामने आ रहा है। व्यापम के पुर्व परीक्षा नियंत्रक ने तो लिखित में बयान देकर आरएसएस के इन लोगो के नाम लिए है।
इतना ही नही एसटीएफ को जांच में राज्यपाल रामनरेश यादव के भी व्यापम फर्जीवाड़े में सिफारिश करने की जानकारी मिली है।
एसटीएफ की जाचं में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान तथा उनकी पत्नि साधना सिंह का नाम भी उछल रहा है वहीं दुसरी तरफ मप्र की पुर्व मुख्यमंत्री उमा भारती भी इस घोटाले की आंच से अछूती नही है।
अभी जांच चल रही है लेकिन अनुमान के मुताबित १००० से ज्यादा नियुक्तियां व्यापम के माध्यम से फर्जी तरीके से की गई है।
सवाल ये उठता है कि एक तरफ जहां पहले के मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने १० साल तक प्रदेश के युवाओं को बेरोजगारी,निराशा,हताशा,दी तो उसके बाद फिर पिछले १० सालों में शिवराज सरकार ने उसके विपरित लोगो को रोजगार,नागरिक सुविधाएं दी,लेकिन किसको पता था कि इस सब के पिछे अधिकतर बड़े बडे नेताओं की सिफारिश वाले लोगो को ही लाभ दिया जा रहा है।
बेचारा गरीब मध्यम वर्गीय परिवार का युवा आज भी शिक्षित बेरोजगार है और इस भ्रष्ट व्यवस्था से तंग आकर अवसाद का शिकार हो रहा है।
भ्रष्टाचार की इस बहती धारा में जिन युवा युवतियों को पता चला तो उन्होने भी रिश्वत देकर अपनी नौकरी पक्की कर ली,लेकिन अब वे भी सलाखों के पिछे चले गये है,क्या कसुर है उनके मासुम बच्चों का,और क्या कसुर है उन युवा युवतियों को जिन्होने रिश्वत देकर नौकरी पायी,व्यवस्था ही एैसी भ्रष्ट बना दी गई है,एैसे में कोई क्या करें?
कब तक इन युवाओं को भ्रमित किया जायेगा,कब तक इनका शोषण और दोहन किया जायेगा,कब तक इनको निर्दोष होते हुए भी दोषी साबित किया जायेगा।
दोषी सिफ वे लोग है जो रिश्वत लेकर काम करते है,दोषी वे लोग है जो उंचे पदो पर बैठकर सिफारिश करते है। ाqपछले २० वर्षो में मध्यप्रदेश के हजारो लाखो युवाओं का भविष्य यदि बरबाद हुआ है तो सिफ इस भ्रष्ट व्यवस्था और इन भ्रष्टाचारियों के कारण।
-डॉ.मोहन बैरागी
कहीं पढ़ा था कि मध्यप्रदेश का व्यावसायिक परीक्षा मंडल का घोटाला एशिया का सबसे बड़ा घोटाला है। छोटे से फर्जीवाडे़ को पकड़ने के चक्कर में परत दर परत ये इतना बड़ा होता जा रहा है कि अब इसमें राज्यपाल और आरएसएस के पुर्व प्रमुख दिवंगत के एस सुदर्शन तथा पूर्व सहसरकार्यवाहक सुरेश सोनी का नाम भी सामने आ रहा है। व्यापम के पुर्व परीक्षा नियंत्रक ने तो लिखित में बयान देकर आरएसएस के इन लोगो के नाम लिए है।
इतना ही नही एसटीएफ को जांच में राज्यपाल रामनरेश यादव के भी व्यापम फर्जीवाड़े में सिफारिश करने की जानकारी मिली है।
एसटीएफ की जाचं में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान तथा उनकी पत्नि साधना सिंह का नाम भी उछल रहा है वहीं दुसरी तरफ मप्र की पुर्व मुख्यमंत्री उमा भारती भी इस घोटाले की आंच से अछूती नही है।
अभी जांच चल रही है लेकिन अनुमान के मुताबित १००० से ज्यादा नियुक्तियां व्यापम के माध्यम से फर्जी तरीके से की गई है।
सवाल ये उठता है कि एक तरफ जहां पहले के मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने १० साल तक प्रदेश के युवाओं को बेरोजगारी,निराशा,हताशा,दी तो उसके बाद फिर पिछले १० सालों में शिवराज सरकार ने उसके विपरित लोगो को रोजगार,नागरिक सुविधाएं दी,लेकिन किसको पता था कि इस सब के पिछे अधिकतर बड़े बडे नेताओं की सिफारिश वाले लोगो को ही लाभ दिया जा रहा है।
बेचारा गरीब मध्यम वर्गीय परिवार का युवा आज भी शिक्षित बेरोजगार है और इस भ्रष्ट व्यवस्था से तंग आकर अवसाद का शिकार हो रहा है।
भ्रष्टाचार की इस बहती धारा में जिन युवा युवतियों को पता चला तो उन्होने भी रिश्वत देकर अपनी नौकरी पक्की कर ली,लेकिन अब वे भी सलाखों के पिछे चले गये है,क्या कसुर है उनके मासुम बच्चों का,और क्या कसुर है उन युवा युवतियों को जिन्होने रिश्वत देकर नौकरी पायी,व्यवस्था ही एैसी भ्रष्ट बना दी गई है,एैसे में कोई क्या करें?
कब तक इन युवाओं को भ्रमित किया जायेगा,कब तक इनका शोषण और दोहन किया जायेगा,कब तक इनको निर्दोष होते हुए भी दोषी साबित किया जायेगा।
दोषी सिफ वे लोग है जो रिश्वत लेकर काम करते है,दोषी वे लोग है जो उंचे पदो पर बैठकर सिफारिश करते है। ाqपछले २० वर्षो में मध्यप्रदेश के हजारो लाखो युवाओं का भविष्य यदि बरबाद हुआ है तो सिफ इस भ्रष्ट व्यवस्था और इन भ्रष्टाचारियों के कारण।
-डॉ.मोहन बैरागी