Dr.Mohan Bairagi

Saturday, June 21, 2014

टप्पणी- मोहन बैरागी
महाकाल गर्भग्रह में रिसाव और नियुक्तियों का जमाव
खबर है कि महाकाल मंदिर में भगवान कार्तिकेय की मुर्ती के पिछे से रेत का रिसाव हो रहा है,कहा जा रहा है कि कही पीछे से दीवार खोखली नही हो गई हो,रिसाव का पता लगने के बाद उज्जैन शासकीय इंजीनियरिंग कालेज से इंजीनियरों की टीम तथा महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के अधिकारियों ने इस जगह का निरीक्षण किया,अभी और जांच होना बाकी है तथा एक दो दिन में ये अपनी रिपोर्ट सौंप देंगे।अभी कुछ ाqदन पुर्व ही मंदिर परिसर में एक पेड़ के गिरने से मासूम की जान चली गई थी,इसके बाद प्रशासन और मंदिर परिसर में अन्य खतरनाक पेड़ो की छटनीं करवाई थी। ज्ञात रहें शासन की विभिन्न योजनाओं के कई नये निमार्ण कार्य महाकाल मंदिर में काफी समय से चल रहे है लेकिन पुराना कहा और क्या रखरखाव करना है इसकी किसी को चिंता नही है,भगवान कार्तिकेय की मुर्ती के पिछे दीवार में रेत का क्षरण होना मामूली बात नही है,ये फिर किसी हादसे की पुर्व सुचना हो सकती है,मामले को गंभीरता से लेकर अधिकारियों को जांच रिपोर्ट मिलने पर तुरतं कार्यवाही कर इसे दुरूस्त करना चाहिये,एैसी अपेक्षा करते है,और आम जन सिर्पâ अपेक्षा ही कर सकता है,क्यूकि उसकी कोई नही सुनता,मंदिर में हो रही अनियमितताओं के लिए एैसे ही आम जनता आवाज उठाती है लेकिन नक्कारखाने की तुती के आगे उनकी आवाज दबकर रह जाती है,पिछले दिनों महाकाल मंदिर समिति ने तीन अवैध नियुक्तियां कर दी,और आम आदमी बस यह कर रह गया की ये नियुक्तियां अवैध है,जब जानना चाहा कि ये नियुक्तियां किस आधार पर कि गई तो तर्वâ दिया गया कि इनके आवेदन पुर्व से पड़े थे इसलिए नियुक्ति कर दिया गया। जबकि नियमानुसार मंदिर प्रबंध समिति का अखबारों में विज्ञप्ति प्रकाशित कर आवेदन मंगवाकर परिक्षण के उपरांत नियुक्ति करना थी,लेकिन एैसा नही किया गया,मामला जब कलेक्टर के समक्ष गया तब कलेक्टर भी इस बात से सहमत थे कि नियुक्तियां अवैध है,लेकिन उन्होनें भी इन्हे हटाने कि कार्यवाही नही की।
मतलब होता है? चलता है ? की तर्ज पर आम जनता के लिए यही सही है कि मूक दर्शक बनकर देखती रहे,अधिकारी और कर्मचारी सिर्पâ शासकीय प्रक्रियाओं में उलझाने का काम कर सकते है तथा आम जन को झूठी सांत्वना ही दे सकते है।
जो भी हो ध्यान नही दिया गया तो तो ये रिसाव और जमाव चलता रहेगा,और नुकसान जनता का ही होगा।

No comments:

Post a Comment