उमा,उज्जैन,असलम
सुप्त कांग्रेस में काले झण्डों से जान
उज्जैन। व्यापम घोटाले में नाम आने के बाद मध्य प्रदेश कि पुर्व मुख्यमंत्री तथा केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती उज्जैन आई तब कांग्रेस नेता अलसल लाला और उनके साथियों ने उमा भारती को काले झण्डे दिखाएं। उमा भारती उज्जैन को बहुत मानती है उन्होने भाजपा से अलग होकर उज्जैन से ही अपनी नई पार्टी की घोषणा की थी,हालांकि उनकी पार्टी की बहुत बुरी हालत हुई और वे खुद चुनाव हार गई थी,बाद में उन्होने फिर से भाजपा ज्वाईन की और झांसी से वे चुनाव जीती। जब वे स्वयं की पार्टी में थी तब उन्होने खुद व्यापम घोटाले का विरोध किया था तथा एसटीएफ के आला अधिकारियों को अपने बयान दर्ज करवाये थे। अब जब वे भाजपा की वेंâद्रिय मंत्री है तब एक बार फिर उनका नाम व्यापम घोटाले में उछल कर सामने आया है और इसी के चलते उनकी उज्जैन यात्रा में इस बार कांग्रेस नेता असलम लाला ओर उनके साथियों ने स्थानीय बेगमबाग क्षैत्र में काले झण्डे दिखाकर विरोध किया। मामले को पुलिस ने गंभीरता से लिया और मौके से असलम लाला के एक साथी को पकड़ लिया,बाद में असलम लाला और उनके अन्य तीन साथी भी महाकाल थाने में पेश हो गए। पुलिस ने चारों पर शांति भंग करने का प्रकरण दर्ज कर लिया। प्रकरण दर्ज होने की जानकारी जब कांग्रेस के अन्य आला नेताओं को लगी तब शहर अध्यक्ष अनंत नारायण मीणा,पुर्व विधायक राजेन्द्र भारती,पुर्व विधायक बटुकशंकर जोशी,आजम शेख,मुकेश भाटी,अजित सिंह,चद्रभाल सिंह चंदेल,सुनील कछवाय आदि महाकाल थाने पहूंचे और असलम तथा उनके साथियों को छोड़ने की मांग करने लगे। महाकाल थाने पर पुलिस अधिकारियों से इन नेताओं की तीखी बहस भी हुई। बाद में पुलिस ने चारों आरोपियों को एसडीम कोर्ट में पेश किया जहां से उनकी जमानत हो गई।
ाqपछले काफी अर्से से शहर में कांग्रेस की हालत खराब है तथा कांग्रेस में अपने ही अपनो को खतम करने की राजनीति वाली नीति चल रही है,विधानसभा में और फिर लोकसभा में कांग्रेस की हार के बाद तो कांग्रेस का अस्तित्व ही खतम सा लगता है,एैसे में कुछ युवा नेता जिनका भविष्य कांग्रेस में उज्जवल हो सकता है,सड़क पर भी विपक्षी दलों के भ्रष्टाचार तथा सरकार एवं उसके भ्रष्टाचार के खिलाफ किसी भी तरह छोटा मोटा विरोध कर स्वयं में तथा पार्टी में उर्जा का संचार करने की कोशिश कर रहे है। कांग्रेस के बड़े एवं पुराने तथा वरिष्ठ नेताओं को भी भ्रष्टाचार के खिलाफ रणनीति बनाकर विरोध और आंदोलन करना पड़ेगें,यदि एैसा नही किया तो इन नेताओ की कांगे्रस सिर्पâ इतिहास बनकर रह जाएगी। असलम लाला के इस विरोध प्रदर्शन से कुछ तो सक्रियता दिखी है पार्टी में तथा ये हलचल मीडिया की सुर्खिया भी बनी,जिसकी कांग्रेस को जरूरत भी है।
सुप्त कांग्रेस में काले झण्डों से जान
उज्जैन। व्यापम घोटाले में नाम आने के बाद मध्य प्रदेश कि पुर्व मुख्यमंत्री तथा केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती उज्जैन आई तब कांग्रेस नेता अलसल लाला और उनके साथियों ने उमा भारती को काले झण्डे दिखाएं। उमा भारती उज्जैन को बहुत मानती है उन्होने भाजपा से अलग होकर उज्जैन से ही अपनी नई पार्टी की घोषणा की थी,हालांकि उनकी पार्टी की बहुत बुरी हालत हुई और वे खुद चुनाव हार गई थी,बाद में उन्होने फिर से भाजपा ज्वाईन की और झांसी से वे चुनाव जीती। जब वे स्वयं की पार्टी में थी तब उन्होने खुद व्यापम घोटाले का विरोध किया था तथा एसटीएफ के आला अधिकारियों को अपने बयान दर्ज करवाये थे। अब जब वे भाजपा की वेंâद्रिय मंत्री है तब एक बार फिर उनका नाम व्यापम घोटाले में उछल कर सामने आया है और इसी के चलते उनकी उज्जैन यात्रा में इस बार कांग्रेस नेता असलम लाला ओर उनके साथियों ने स्थानीय बेगमबाग क्षैत्र में काले झण्डे दिखाकर विरोध किया। मामले को पुलिस ने गंभीरता से लिया और मौके से असलम लाला के एक साथी को पकड़ लिया,बाद में असलम लाला और उनके अन्य तीन साथी भी महाकाल थाने में पेश हो गए। पुलिस ने चारों पर शांति भंग करने का प्रकरण दर्ज कर लिया। प्रकरण दर्ज होने की जानकारी जब कांग्रेस के अन्य आला नेताओं को लगी तब शहर अध्यक्ष अनंत नारायण मीणा,पुर्व विधायक राजेन्द्र भारती,पुर्व विधायक बटुकशंकर जोशी,आजम शेख,मुकेश भाटी,अजित सिंह,चद्रभाल सिंह चंदेल,सुनील कछवाय आदि महाकाल थाने पहूंचे और असलम तथा उनके साथियों को छोड़ने की मांग करने लगे। महाकाल थाने पर पुलिस अधिकारियों से इन नेताओं की तीखी बहस भी हुई। बाद में पुलिस ने चारों आरोपियों को एसडीम कोर्ट में पेश किया जहां से उनकी जमानत हो गई।
ाqपछले काफी अर्से से शहर में कांग्रेस की हालत खराब है तथा कांग्रेस में अपने ही अपनो को खतम करने की राजनीति वाली नीति चल रही है,विधानसभा में और फिर लोकसभा में कांग्रेस की हार के बाद तो कांग्रेस का अस्तित्व ही खतम सा लगता है,एैसे में कुछ युवा नेता जिनका भविष्य कांग्रेस में उज्जवल हो सकता है,सड़क पर भी विपक्षी दलों के भ्रष्टाचार तथा सरकार एवं उसके भ्रष्टाचार के खिलाफ किसी भी तरह छोटा मोटा विरोध कर स्वयं में तथा पार्टी में उर्जा का संचार करने की कोशिश कर रहे है। कांग्रेस के बड़े एवं पुराने तथा वरिष्ठ नेताओं को भी भ्रष्टाचार के खिलाफ रणनीति बनाकर विरोध और आंदोलन करना पड़ेगें,यदि एैसा नही किया तो इन नेताओ की कांगे्रस सिर्पâ इतिहास बनकर रह जाएगी। असलम लाला के इस विरोध प्रदर्शन से कुछ तो सक्रियता दिखी है पार्टी में तथा ये हलचल मीडिया की सुर्खिया भी बनी,जिसकी कांग्रेस को जरूरत भी है।
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