जब नेह के समर्पित भाव सारे उष्ण होने लगे
जब साथ समय के रिश्ते बर्फ से पिघलने लगे
दूर धुंए सा उड़ जाये प्यार, अपना बदलने लगे
एक पल ख्वाब जैसे, वो आये और चलने लगे
@डॉ मोहन बैरागी
जब साथ समय के रिश्ते बर्फ से पिघलने लगे
दूर धुंए सा उड़ जाये प्यार, अपना बदलने लगे
एक पल ख्वाब जैसे, वो आये और चलने लगे
@डॉ मोहन बैरागी
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