Dr.Mohan Bairagi

Tuesday, January 17, 2017

जब नेह के समर्पित भाव सारे उष्ण होने लगे
जब साथ समय के रिश्ते बर्फ से पिघलने लगे
दूर धुंए सा उड़ जाये प्यार, अपना बदलने लगे
एक पल ख्वाब जैसे, वो आये और चलने लगे
@डॉ मोहन बैरागी

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