शंकराचार्य,सार्इं,शक्कर
पिछले दो दिन से सारे देश में शंकराचार्य,सार्इं और शकर छाये हुए है। शंकराचार्य और सार्इं से धार्मिक आस्था जुड़ी है, और शकर से सरकार।
द्वारिका शारदा पीठ के जगदगुरू स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा था कि सार्इं भक्त राम की पुजा करना बंद करें,गंगा स्नान भी न करें तथा हर हर महादेव का जप करना भी छोड़ दे,शंकराचार्य के इस बयान पर सारे देश में बवाल हो हल्ला हो गया और बनारस से लेकर शिर्डी तक सभी जगह प्रदर्शन हो रहे है। तथा शिर्डी में केस दर्ज भी हो गया। शंकराचार्य को नही मानने वालों ने कई जगह उग्र प्रदर्शन भी किया।
सार्इं भगवान थे,या भगवान के अवतार या सामान्य मनुष्य ये तो धर्माचार्यो पर छोड़ा जा सकता है लेकिन दुसरी तरफ क्या इन्ही धर्माचार्यो कटटरपंथीयों तथा किसी भी धर्म को मानने वालो की जिम्मेदारी नही बनती की महंगाई,बिगड़ती कानून व्यवस्था पर बोले,और सरकार को मजबूर करें,आम आदमी के लिए पहले पेट जरूरी है उसके बाद आस्था आती है।अत्यंत शृद्धा के साथ और क्षमा के साथ सभी धर्मो के धमाचार्यो को धार्मिक आस्था के साथ देश की सामाजिक और मुख्यत: जिससे आम आमदी का हित जुड़ा,एैसे मुद्दो पर बोलना चाहिये,आम आदमी के पहली जरूरत पेट है।
सरकार ने शकर के दाम बढ़ाए,रेल किराया बढ़ाया,फिर रसोई गैस के तथा पेट्रोल डिजल के दाम बढ़ेगे,उस से बदहाल होती कानून व्यवस्था,एैसे में आम आदमी को सिर्पâ राहत,रहम और रोटी चाहिये।
पिछले दो दिन से सारे देश में शंकराचार्य,सार्इं और शकर छाये हुए है। शंकराचार्य और सार्इं से धार्मिक आस्था जुड़ी है, और शकर से सरकार।
द्वारिका शारदा पीठ के जगदगुरू स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा था कि सार्इं भक्त राम की पुजा करना बंद करें,गंगा स्नान भी न करें तथा हर हर महादेव का जप करना भी छोड़ दे,शंकराचार्य के इस बयान पर सारे देश में बवाल हो हल्ला हो गया और बनारस से लेकर शिर्डी तक सभी जगह प्रदर्शन हो रहे है। तथा शिर्डी में केस दर्ज भी हो गया। शंकराचार्य को नही मानने वालों ने कई जगह उग्र प्रदर्शन भी किया।
सार्इं भगवान थे,या भगवान के अवतार या सामान्य मनुष्य ये तो धर्माचार्यो पर छोड़ा जा सकता है लेकिन दुसरी तरफ क्या इन्ही धर्माचार्यो कटटरपंथीयों तथा किसी भी धर्म को मानने वालो की जिम्मेदारी नही बनती की महंगाई,बिगड़ती कानून व्यवस्था पर बोले,और सरकार को मजबूर करें,आम आदमी के लिए पहले पेट जरूरी है उसके बाद आस्था आती है।अत्यंत शृद्धा के साथ और क्षमा के साथ सभी धर्मो के धमाचार्यो को धार्मिक आस्था के साथ देश की सामाजिक और मुख्यत: जिससे आम आमदी का हित जुड़ा,एैसे मुद्दो पर बोलना चाहिये,आम आदमी के पहली जरूरत पेट है।
सरकार ने शकर के दाम बढ़ाए,रेल किराया बढ़ाया,फिर रसोई गैस के तथा पेट्रोल डिजल के दाम बढ़ेगे,उस से बदहाल होती कानून व्यवस्था,एैसे में आम आदमी को सिर्पâ राहत,रहम और रोटी चाहिये।
सच तो ये है कि देश की आम जनता आम चीजो से भी बहुत दूर जा रही है इतनी मंहगाई के कारण दो वक्त की रोटी मुहैया कराना मुश्किल हो रहा है इन सब बातो की तरफ धर्मगुरुओ का कभी ध्यान नहीं गया । और लगे गलत बयानबाजी करने कोई किसी की भी पूजा करे सबको स्वतन्त्रता है उनको ऐसा बयाँ नहीं देना चाहिए
ReplyDeleteji shanti purohit ji aapka aabhar
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