Dr.Mohan Bairagi

Wednesday, March 29, 2017

सब एक जैसे धरा पर गगन में सितारें है
खुशबू,फूल,पवन,हवा,नदी किनारे हैं
और आईने टुटते नहीं खुद चटक कर के
वो जो दिल तोड़ते है वो अपने हमारे है
- मोहन बैरागी

No comments:

Post a Comment